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Extension Lecture


Posted on 07/12/2023

सफीदों उपमंडल के गाँव पिल्लूखेड़ा स्थित राजकीय कन्या महाविद्यालय की प्लेसमेंट सेल व हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्यस्तरीय परियोजना बाल सलाह, परामर्श एवं कल्याण केन्द्र के तत्वावधान में आज नकारात्मक और सकारात्मक शक्तियों को नियंत्रित करने, विचारों की स्पष्टता के साथ पहचान करने की क्षमता विकसित करने की मनोवैज्ञानिक तकनीक की जानकारी विषय पर उपस्थित युवा छात्राओं को संबोधित करते हुए मुख्यवक्ता मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं राज्य नोडल अधिकारी, अनिल मलिक ने संबोधित करते हुए कहा कि इंसान की संकल्पशक्ति सबसे ताकतवर होती है इसलिए सोच समझकर कोई संकल्प करना चाहिए । अनिल मलिक ने बताया कि यूं तो हर चीज संभव है जिसे पूरा करने के लिए आप दृढ़-इच्छाशक्ति रखते हैं लेकिन सफलता के लिए जरूरी है लक्ष्य निर्धारण । आप सही से अपने मौलिक स्वभाव को जानें, आपकी रुचियाँ, आदतें, सोच-विचार, इच्छाशक्ति कैसी है यह बहुत महत्वपूर्ण होता है । कुछ भी सोचते रहने से, यूं ही कुछ भी लक्ष्य निर्धारित करने से सफलता हासिल नहीं होती सृजनात्मक विचारधारा के साथ लीक से हटकर कुछ करना होता है, जो मन में हलचल पैदा कर रहा है, तब अंदर से आवाज आती है कि हां मैं यह करना चाहता हूं, कर सकता हूं, कर गुजरुंगा और मुझे कोई रोक नहीं सकता । युवाओं को अपनी सकारात्मक और नकारात्मक सोच को सही से नियंत्रित करने की कला भी विकसित करनी होगी उसके लिए जरूरी है सकारात्मक सोच । जब भी विचार नकारात्मक आए स्वयं से तर्क-वितर्क करें, सृजनात्मक कार्यों में स्वयं को व्यस्त रखें, मन को शांत बनाए रहे, दूसरों की कमियां नहीं खूबियों पर ध्यान दें, मन को विचलित करने वाली बातों से ध्यान को हटाए, स्वयं को पूरी तरह से स्वीकार करें, स्वयं को निखारे । यदि नकारात्मक और सकारात्मक में फर्क कर सकें तो समझे कि आधा काम तो हो गया । विचारों को व्यक्त करना एक शक्तिशाली कौशल है सही अभिव्यक्ति के लिए पूर्ण विवेक की आवश्यकता होती है । विचारों को तीन स्तर पर फिल्टर करना चाहिए कि महत्व, रुचि तथा प्रासंगिकता क्या है और नकारात्मक शक्तियों को नियंत्रित करने के लिए जरूरी है गुड वाइब्स । नजरअंदाज करें कि दूसरे आपके बारे में क्या सोचते हैं, कभी-कभी भावनात्मक अलगाव भी जरूरी है, जब कोई नकारात्मक व्यक्ति बिना किसी कुसूर के आपको गलत ठहराय तो यह न मान ले कि गलती आपकी है । जहां तक आवश्यक हो नकारात्मक प्रतिक्रिया देने से बचें, समाधान की तलाश करें समस्याओं की नहीं । परामर्शदाता नीरज कुमार ने बताया कि हमें अपने विचारों को समझना होगा कि किसी दूसरे पर या समाज में उनका कैसा असर जाता है सकारात्मक या नकारात्मक, इसलिए हमेशा अच्छी सोच के साथ उचित कदम उठाए । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय प्रिंसिपल तानाशा हुड्डा ने कहा कि धैर्य से सुन-समझ कर अगला कदम बढ़ाना चाहिए, निसंदेह मनोवैज्ञानिक प्रेरणाशक्ति असरकारक होती है । कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति प्लेसमेंट सेल के संयोजक रमेश कुमार, हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के आजीवन सदस्य एवं परामर्शदाता नीरज कुमार के साथ-साथ सभी प्रवक्ताओं की रही ।