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A Extension Lecture (2nd) on the occasion of 400th Prakash Utsav of Shri Guru Teg Bahadur Ji


Posted on 11/04/2022

राजकीय कन्या महाविद्यालय , पिल्लूखेड़ा (जींद) में आज दिनांक 11 अप्रैल 2022 को श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 वें प्रकाश उत्सव के उपलक्ष में व्याख्यान श्रृंखला के तहत एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता की भूमिका महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक श्री संजय कुमार जी ने निभाई । उन्होंने गुरु तेग बहादुर जी की जीवनी और शिक्षाओं के बारे में विद्यार्थियों को विस्तार से बताया। उन्होंने एक कविता के माध्यम से अपने विचार बताएं: "हिंद की चादर गुरु तेग बहादुर" यह कहानी बड़ी पुरानी है, यह वीरो वाली वाणी है। इस धरा पर धरा नहीं शीश कटा पर झुका नहीं। यह गुरु तेग बहादुर का धर्म मान था, सांस्कृतिक विरासत के लिए दिया बलिदान था। जब मुगलों ने अत्याचार किए धर्म परिवर्तन के प्रहार किए फिर भी आंसू उन्होंने बहाए नहीं तेग बहादुर कायर कहलाए नहीं। जब औरंगजेब मिलने आया था इस्लाम धर्म कबूल कराने का फरमान लाया था वह भी सिख सपूत थे वो शीश कटा सकते थे लेकिन केश कटा नहीं सकते थे। इस धरा पर धारा नहीं शीश कटा पर झुका नहीं। शीश कटा उन्होंने अपना धर्म बचाया था वही महान पुरुष तेग बहादुर कल आया था। महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य श्री रमेश कुमार सहायक प्राध्यापक राजनीतिक शास्त्र ने मुख्य वक्ता का हार्दिक अभिनंदन और स्वागत किया।गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान केवल धर्म पालन के लिए ही नहीं अपितु समस्त मानवीय सांस्कृतिक विरासत को समर्पित बलिदान था। धर्म उनके लिए सांस्कृतिक मूल्यों और जीवन विधान का नाम था। इसलिए धर्म के सत्य शाश्वत मूल्यों के लिए उनका बलि चढ़ जाना वस्तुतः सांस्कृतिक विरासत और इच्छित जीवन विधान के पक्ष में एक परम साहसिक अभियान था। निरंकुश अत्याचारी शासक की धर्म विरोधी और वैचारिक स्वतन्त्रता का दमन करने वाली नीतियों के विरुद्ध गुरु तेग बहादुरजी का बलिदान एक अभूतपूर्व ऐतिहासिक घटना थी। यह गुरुजी के निर्भय आचरण, धार्मिक अडिगता और नैतिक उदारता का उच्चतम उदाहरण था। गुरुजी मानवीय धर्म एवं वैचारिक स्वतन्त्रता के लिए अपनी महान शहादत देने वाले एक क्रान्तिकारी युग पुरुष थे। वर्तमान पीढ़ी को उनके सर्वोच्च त्याग और समर्पण का सम्मान करते हुए उनके विचारों को अपने हृदय में स्थान देते हुए उनके मानवतावादी विचारों का अनुसरण करना चाहिए। इस अवसर पर विशेष दिवस आयोजन समिति प्रभारी श्री प्रदीप कुमार जी ने बताया कि इस प्रकार के व्याख्यान से विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है अतः समय-समय पर इस प्रकार के व्याख्यान का आयोजन होना चाहिए। और साथ में आए हुए मुख्य वक्ता और विद्यार्थियों का इस कार्यक्रम में उपस्थित होने पर धन्यवाद किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक श्री दीपक कुमार, श्री देवेंद्र आदि उपस्थित रहे।